गर्मी में कुछ दिन जरूर खाएं ज्वार, ये हैं इसे खाने के

 ज्वार की तासीर ठंडी होती है, इसीलिए इसका सेवन गर्मियों में अधिक किया जाता है। गर्मियों में इसके सेवन के अनेक फायदे हैं, इसलिए गर्मियों में पौष्टिक ज्वार का आटा अपने घर पर ज़रुर रखना चाहिए। यह गेहूं की रोटी का सबसे बेहतर विकल्प बन सकता है। ज्वार में पोटैशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम और आयरन होता है। क्या आप जानते हैं कि ज्वार की खेती भारत में बहुत प्राचीन काल से होती आई है, लेकिन पहले ये घास के रूप में उपयोग में लाई जाती थी। उसके बाद जब हमारे बुजुर्गों को इसके पौष्टिक गुणों को पहचाना तब से इसे अनाज के रूप में उपयोग में लाया जाने लगा। आइए जानते हैं गर्मियों में क्यों खाना चाहिए क्या है इसे खाने के फायदे....

- ज्वार में बहुत सारा फाइबर होता है। इसीलिए इसे खाने से वजन नहीं बढ़ता।

- इसे खाने पर किसी भी तरह का दिल का रोग नहीं होता है। यह डायबिटीज और कब्ज को दूर रखता है। 

- ज्वार हमारी हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाए रखता है। 

- यह आटा गेहूं के आटे से कई गुना बेहतर होता है। ज्वार के आटे में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। यह ग्लुटेन रहित और नॉन एलर्जिक होता है।

- ज्वार के दानों की राख बनाकर मंजन करने से दांतो का हिलना, उनमें दर्द होना बंद हो जाता है। साथ ही, मसूढ़ो की सूजन भी समाप्त हो जाती है।

- ज्वार बवासीर और घावों में लाभदायक है। 

- ज्वार विटमिन बी कॉम्प्लेक्स का अच्छा स्त्रोत है। शाकाहारी लोगों के लिए ज्वार का आटा प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है। 

-  शोध बताते हैं कि यह कुछ खास प्रकार के कैंसर के खतरों को भी कम करता है। साथ ही यह दिल से संबंधित बीमारियों के रोगियों के लिए भी यह अच्छा विकल्प है। 

- ज्वार के कच्चे दाने पीसकर उसमें थोड़ा कत्था व चूना मिलाकर लगाने से चेहरे के मुंहासे दूर हो जाते हैं।

- यदि गर्मी की वजह से शरीर में जलन है, तो ज्वार का आटा पानी में घोल लें, फिर उसका शरीर पर लेप करे। 

- यह पेट की जलन को मिटाता है। भुनी ज्वार बताशो के साथ खाने से पेट की जलन, अधिक प्यास लगना बंद हो जाती है। 

 - ज्वार कई तरह के मिनरल्स, प्रोटीन्स व विटामिन पाए जाते हैं। वे आपके पूरे शरीर को पोषण प्रदान करते हैं।

- ज्वार के नियमित सेवन से कार्डियो वेस्कुलर हेल्दी रहता है। साथ ही, कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखता है।

- गर्मी में इसका सेवन अल्सर रोगियों के लिए विशेष रूप से लाभदायक होता है। इसका दलिया खाने से शरीर को ठंडक मिलती है।

- जवारे के रस के नियमित सेवन से कई असाध्य रोग मिट जाते हैं।
- इसके सेवन से थकान दूर होती है और दिनभर स्फ़ूर्ती का एहसास होता है।

- गेहूं और चने को पानी में उबालकर छान लिया जाए। इस पानी को पीने से मूत्राशय और किडनी की पथरी गल जाती है और बाहर निकल आती है, इसका सेवन एक माह तक लगातार करना चाहिए।

- गेहूं के ताजे कोमल पौधों को व्हीट-ग्रास कहा जाता है। व्हीट-ग्रास पीसकर उसका रस निकालकर पीने से डायबिटीज कंट्रोल में रहती है।

- यह सामान्य लोगों के लिए भी बड़ा गुणकारी है। हर व्यक्ति को प्रतिदिन व्हीट-ग्रास जूस का सेवन करना चाहिए।

- इसके नियमित सेवन से हिमोग्लोबिन की कमी भी दूर होती है।

- गेहूं के जवारों का रस दूध, दही और मांस से अनेक गुना अधिक गुणकारी है। दूध और मांस में भी जो नहीं है उससे अधिक इस ज्वारे के रस में है। इसके बावजूद दूध, दही और मांस से ये बहुत सस्ता है। घर में उगाने पर सदैव सुलभ है। गरीब से गरीब व्यक्ति भी इस रस का उपयोग करके अपना खोया स्वास्थ्य फिर से पा सकता है।

- गेहूं के जवारे के रस में लगभग हर तरह के क्षार और विटामिन उपलब्ध होते हैं। इसी कारण से शरीर मे जो कुछ भी अभाव हो यह जूस उसे जल्दी से पूरा कर देता है। 

- हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों को गेहूं के आटे को छानकर चोकर तैयार कर उसे दूध में उबालकर प्रतिदिन लेना चाहिए, इससे काफी फायदा होता है।

- गेहूं को रात को भिगो दें। सुबह गेहूं को छानकर अलग कर दें और पानी को पिएं। इससे ताकत बढ़ती है।

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